पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के जरिए बेहतर दुनिया बनाएं. यह हमारी जिम्मेदारी है. सबका साथ सबका विकास जरूरी है.
पीएम नरेंद्र मोदी और शी चिनफिंग के बीच आज मुलाकात हुई. शी चिनफिंग और पीएम नरेंद्र मोदी बेहद गर्मजोशी से मिले. विदेश सचिव एस जयशंकर ने बताया- पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच मुलाकात 1 घंटे तक चली, जिसमें ब्रिक्स की अहमियत पर बातचीत हुई.दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति बढ़ाने और रिश्ते बेहतर करने के लिए भी चर्चा हुई.दोनों पक्ष सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए भी सहमत हुए हैं. डोकलाम जैसे टकराव रोकने के लिए और प्रयास करने पर जोर देने को लेकर भी चर्चा हुई है. पूरी बातचीत सकारात्मक रही. पीएम मोदी ने ब्रिक्स के लिए चीन को बधाई भी दी.

डोकलाम विवाद के बाद दोनों के बीच यह पहली मुलाकात थी. इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के जरिए बेहतर दुनिया बनाएं. यह हमारी जिम्मेदारी है. सबका साथ सबका विकास जरूरी है. हम आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाएंगे. इससे पूर्व सोमवार को ब्रिक्स में हर तरह के आतंकवाद की निंदा हुई. इसमें पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया गया है, लेकिन उसकी जमीन से जो संगठन काम करते हैं, उनका साफतौर पर इसमें जिक्र किया गया है. यह भारत के लिए बहुत बड़ी कामयाबी है. क्योंकि तमाम ब्रिक्स देशों की इस घोषणा पत्र में सहमति होती है. इस फायदा अन्य विदेशी मंचों पर भी फायदा होता है, जहां भारत ने दुनिया को बताया कि किस तरह पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी और शी चिनफिंग के बीच आज मुलाकात हुई. शी चिनफिंग और पीएम नरेंद्र मोदी बेहद गर्मजोशी से मिले. विदेश सचिव एस जयशंकर ने बताया- पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच मुलाकात 1 घंटे तक चली, जिसमें ब्रिक्स की अहमियत पर बातचीत हुई.दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति बढ़ाने और रिश्ते बेहतर करने के लिए भी चर्चा हुई.दोनों पक्ष सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए भी सहमत हुए हैं. डोकलाम जैसे टकराव रोकने के लिए और प्रयास करने पर जोर देने को लेकर भी चर्चा हुई है. पूरी बातचीत सकारात्मक रही. पीएम मोदी ने ब्रिक्स के लिए चीन को बधाई भी दी.

डोकलाम विवाद के बाद दोनों के बीच यह पहली मुलाकात थी. इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के जरिए बेहतर दुनिया बनाएं. यह हमारी जिम्मेदारी है. सबका साथ सबका विकास जरूरी है. हम आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाएंगे. इससे पूर्व सोमवार को ब्रिक्स में हर तरह के आतंकवाद की निंदा हुई. इसमें पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया गया है, लेकिन उसकी जमीन से जो संगठन काम करते हैं, उनका साफतौर पर इसमें जिक्र किया गया है. यह भारत के लिए बहुत बड़ी कामयाबी है. क्योंकि तमाम ब्रिक्स देशों की इस घोषणा पत्र में सहमति होती है. इस फायदा अन्य विदेशी मंचों पर भी फायदा होता है, जहां भारत ने दुनिया को बताया कि किस तरह पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है.
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