अमेरिका की वर्मोंट विश्वविद्यालय के क्रिस्टोफर डेनफोर्थ ने कहा, मशहूर सोशल मीडिया ऐप पर कुछ लोगों के अकांउटों के विश्लेषणों में हमने पाया कि अवसादग्रस्त लोगों की तस्वीरों के रंग गहरे थे, उन पर समुदाय के लोगों ने अधिक कमेंट (टिप्पणी) किए थे, इनमें चेहरे अधिक नजर आए और फिल्टर का इस्तेमाल कम किया गया. डेनफोर्थ ने कहा, जब वह फिल्टर का इस्तेमाल करते भी थे तो तस्वीर को ब्लैक एंड व्हाइट करने के लिए. अवसादग्रस्त पाए गए लोगों ने अन्य लोगों की तुलना में कई अधिक पोस्ट भी किए. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन सामाजिक संवाद के बढ़ने से मानसिक और शारीरिक बीमारियों से पीड़ित लोगों की शुरुआती पहचान एल्गोरिथम के जरिए किए जाने की संभावना बढ़ गई है.
Home health अब फेसबुक की तस्वीरों से ही पता लग जाएगा आप डिप्रेशन में हैं या नहीं
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