
जहां लालू ने नीतीश के नये राजनीतिक सहयोगी और क़दम के कारण उन्हें पलटू राम कहा, वहीं संजय सिंह का कहना है कि चूंकि लालू यादव ने अपने राजनीतिक जीवन में केवल घोटाला किया है, इसलिए उन्हें घोटाला राम कहा. वहीं नीरज ने सफ़ाई दी कि हर हफ़्ते रांची के कोर्ट में हाज़िरी लगाने वाले लालू यादव को उन्होंने घसीटा राम कहा क्योंकि कोर्ट उन्हें घसीट-घसीट कर चक्कर लगवाती है.

लेकिन सोमवार को उस समय हद हो गई जब राजद के एक प्रवक्ता शक्ति यादव ने संजय सिंह पर कहा कि क्या सृजन घोटाले में मृतक महेश मंडल उनके बहनोई या साला लगते थे? इसके अलावा उनकी पार्टी के अध्यक्ष लालू यादव ने एक सभा में नीतीश कुमार को 'दोगला' तक कह डाला. हालांकि लालू की सफ़ाई थी कि उनके कहने का तात्पर्य था की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो नीतीश कुमार के DNA में ख़राबी की बात कही, उसका मतलब दोगला हुआ.

इस पर जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता संजय सिंह ने लालू यादव को सलाह दी कि इस बार रांची जाएं तो कांके के मानसिक आरोग्यशाला में जाकर इलाज करा लें क्योंकि सत्त जाने के बाद उनकी वाणी अब दिनोंदिन ख़राब होती जा रही हैं. बिहार के नेताओं का ये वाकयुद्ध उनके समर्थकों को भले अच्छा लगे लेकिन ये राजनीति के गिरते स्तर का भी परिचायक है.
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